रविवार, 22 मई 2011

मै बिकने को तैयार हूं -

मैं बिकने को तैयार हु -
मित्रों आपको यह सुन कर आश्चर्य हो रहा होगा कि कोई व्यक्ति लोकतंत्र मे बिक कैसे सकता है। लेकिन मै बिक कर कोई गुलाम नही बनना चाहाता बस धर्म परिवर्तन करना चाहता हूं । जी हां मै बिक कर अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता हूं क्योंकि पिछले 46 साल से हिन्दू रहने का क्या लाभ मिला मुझे नही पता अलबत्ता ब्राम्हण होने का दंश अलग भोग रहा हूं। भारतीय कानून मे किसी को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना अपराध की श्रेणी मे आता है लेकिन लालची हो कर धर्म परिवर्तन किया जाये तो उसके लिये अभी तक कोई कानून नही बना। लिहाजा सरकार जब तक इस पर कोई कानून बनाये मै अपना धर्म परिवर्तन कर लेना चाहता हूं। ईसाई समुदाय को इसके लिये विशेष छूट है क्योंकि जिन हालातों मे जद्दोजहद करके घर चला रहा हूं अगर यही हालात रहे तो 10 साल बाद मेरा बेटा मुझे बाप नही कहेगा, लेकिन अगर मसीही समाज समाज मे शामिल हो गया तो अपनी काबिलियत पर इतना भरोसा तो है कि एक बहुत बड़ा कुनबा मुझे बाप कहेगा।साथ हि साथ आने वाले समय मे बच्चों की शिक्षा भी मुफ़्त हो जायेगी और मिशनरी के अस्पताल से ईलाज़ भी ऐसे मे समय रहते ये लाभ ले लेना ज्यादा हितकर होगा।  या तो हिन्दू घर्म के भाई मुझे यह बतायें कि हिंदू होने का लाभ क्या है ? अन्यथा इस मामले मे ना पड़ें क्योंकि यह निर्णय मै पूरी सोच समझ के साथ कर रहा हूं ।ऐसा नही कि मै सिर्फ़ ईसाई ही बनना चाहता हूं , किसी भी धर्म को स्वीकार करने को तैयार हूं , लेकिन ईसाई धर्म को प्राथमिकता दी जायेगी ।   बोली की शुरूआत - 25 लाख से शुरू - ऑफ़र आज से लागू ( सीमित समय के लिये )   नोट :- फ़ेस बुक के सभी मित्रों से निवेदन है कि इस संदेश को अपने सभी मित्रों को भेजें । 
 

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